एक कवि की डायरी : भाग 2
जयप्रकाश मानस संपादक, www.srijangatha.com कार्यकारी संपादक, पांडुलिपि (त्रैमासिक) एफ-3, छगमाशिम, आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा रायपुर, 9 अप्रैल, 2011 ज़िम्मेदारी अन्ना ने जीतना सिखा दिया, अब यह करोड़ों लोगों की ज़िम्मेदारी है कि वे ना तो ख़ुद भ्रष्ट हों, ना दूसरे को भ्रष्टाचार करने दें, आयेगी यह नैतिकता क्या सारे लोगों में...
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